श्री देई माई ( गुंगी माई ) माता को मुख्य रुप हिन्दु देवी माता सती (जगदम्बा मातेष्वरी) का ही रुप माना जाता है। पुराणों के अनुसार जब भगवान विष्णु ने सुदर्षन चक्र का इस्तेमाल कर माता सती की षव के टुकङे किये। जहां जहां माता सती के षरीर के अंग गिरे, वो स्थान षक्तिपीठ बन गए। षक्तिपीठों के स्थानों और संख्या को लेकर ग्रन्थों में अलग अलग बातें कही गई है। इन्ही षक्ति पीठों में पहले स्थान पर हींगलाज षक्तिपीठ है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में है। बताया जाता है कि यहां सती माता का ब्रहम्रन्ध््रा (मस्तक) गिरा था। स्थानीय मुस्लिम भी हिंगलाज माता पर आस्था रखते हैं और मन्दिर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। मुस्लिम हिंगलाज माता मन्दिर को ‘‘ नानी का मन्दिर ‘‘ कहते हैं तथा तीर्थ यात्रा को ‘‘ नानी का हज ‘‘ कहतें हैं।